ये साल मेरे लिए अत्यंत कष्ट वाला और साथ ही साथ खुशी देने वाला भी रहा। जुलाई महीने की पहली तारीख को मेरे पापा हम सबको छोड़कर भगवान के पास चले गए, ये असहनीय था।
इस दुख को सहन करने के लिए ही शायद भगवान ने मेरे घर नवरात्रों की पहले ही दिन मेरे घर एक देवी को भेज दिया।
28 सितंबर को दोपहर 3 बजे मेरे यहाँ एक सुंदर पुत्री का जन्म हुआ। ये तारीख भी खास थी क्योकि ये वही तिथि थी जब पापा हमे छोड़ के गए और ये वही तारीख है जब हमारी शादी हुई थी।
इस दुख को सहन करने के लिए ही शायद भगवान ने मेरे घर नवरात्रों की पहले ही दिन मेरे घर एक देवी को भेज दिया।
28 सितंबर को दोपहर 3 बजे मेरे यहाँ एक सुंदर पुत्री का जन्म हुआ। ये तारीख भी खास थी क्योकि ये वही तिथि थी जब पापा हमे छोड़ के गए और ये वही तारीख है जब हमारी शादी हुई थी।
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